सुख दुःख में अन्तर
सुख दुःख में अन्तर ‘कोई तो तन मन दु:खी कोई चित्त उदास एक एक दुःख सभन को सुखी संत का दास’ आज समाज में मनुष्य के मन में सुख और शान्ति न होने का एक मात्र कारण यही है …
सुख दुःख में अन्तर ‘कोई तो तन मन दु:खी कोई चित्त उदास एक एक दुःख सभन को सुखी संत का दास’ आज समाज में मनुष्य के मन में सुख और शान्ति न होने का एक मात्र कारण यही है …