सुख और दुःख का चक्र
सुख और दुःख का चक्र ‘संत कबीर के यह शब्द – सुख और दुःख का चक्र को बहुत अच्छे से परिभाषित करते हैं :- “देह धरे का दण्ड है सब काहू को होय ज्ञानी भुगते ज्ञान कर अज्ञानी …
सुख और दुःख का चक्र ‘संत कबीर के यह शब्द – सुख और दुःख का चक्र को बहुत अच्छे से परिभाषित करते हैं :- “देह धरे का दण्ड है सब काहू को होय ज्ञानी भुगते ज्ञान कर अज्ञानी …