व्यवहार में राग और द्वेष
व्यवहार में राग और द्वेष कहा जाता है व्यवहार में राग और द्वेष का न होना ही हमारे लिए सबसे उत्तम है यह हमारे जीवन का सत्य है कि मनुष्य एक समाजिक प्राणी है। प्रत्येक मानव के शरीर की …
सुख दुःख में अन्तर
सुख दुःख में अन्तर ‘कोई तो तन मन दु:खी कोई चित्त उदास एक एक दुःख सभन को सुखी संत का दास’ आज समाज में मनुष्य के मन में सुख और शान्ति न होने का एक मात्र कारण यही है …
ईश्वर हमारे भीतर ही है
ईश्वर हमारे भीतर ही है आज हम जानने वाले हैं की ईश्वर हमारे भीतर ही है जैसे कि हम किसी भी धर्म में विश्वास और आस्था रखते हैं किन्तु हमें इस तथ्य को भली भांति अपने को समझाना होगा कि …
मानव समाज के चार वर्ग
मानव समाज के चार वर्ग आज हम बात करने वाले हैं मानव समाज के चार वर्ग के बारे में क्योंकि आजकल यूक्रेन, रूस, सिरिया, इराक, अफगानिस्तान, इजिप्ट आदि देशों में अशान्ति का वातावरण उधर भारतवर्ष में चुनाव के समाचार सुन कर …