बुराईयां

बराईयां

बुराईयां आज हम बात करने वाले है बराईयां अथवा बराईयों के बारे में  संत कबीर जी मन की इस भावना को कितनी गम्भीरता से व्यक्त कर गये : बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलियो कोय। जो दिल खोजा …

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पुस्तक

पुस्तक

पुस्तक आज हम बात करने वाले हैं पुस्तक के बारे में कहा जाता है कि :- जीवन का आधार है यह किताबें। जीवन का शिलान्यास है यह किताबें ।। यह सांसारिक जीवन भी एक बड़ी पुस्तक यानी किताबों के समान ही …

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वैदिक धर्म

वैदिक धर्म

वैदिक धर्म   वैदिक धर्म संसार के सब मतों और सम्प्रदायों से अधिक प्राचीन है । यह सृष्टि के प्रारंभ से अर्थात् १,९६,०८, ५३, ११७ वर्ष से है। संसारभर के दूसरे मत, पंथ या संप्रदाय किसी ने किसी पैगम्बर, मसीहा, …

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सुख और दुःख का चक्र

सुख और दुःख का चक्र   ‘संत कबीर के यह शब्द – सुख और दुःख का चक्र को बहुत अच्छे से परिभाषित करते हैं :- “देह धरे का दण्ड है सब काहू को होय    ज्ञानी भुगते ज्ञान कर अज्ञानी …

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आन्तरिक शान्ति

आन्तरिक शान्ति

आन्तरिक शान्ति   आज बात करने वाले हैं आन्तरिक शान्ति की :- इस वैज्ञानिक आधुनिक युग में सभी इतने व्यस्त हैं। प्राणी अपनी रोज ही समस्याओं में जूझ कर यह सांसारिक जीवन यापन कर रहे हैं। इस भाग दोड़ में …

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नैतिकता

नैतिकता

नैतिकता   आज हम बात करने वाले हैं नैतिकता की क्योंकि इस संसारिक जीवन में सभी मनुष्य किसी न किसी की कामना करते हैं। एक बार एक सिद्ध महात्मा ने वस्तु एक जनसमुदाय से अपनी अपनी इच्छा के अनुसार वर मांगने …

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