कठिनाईयां

कठिनाईयां

पलक झपकते ही बदल जाती है ये दुनियां ।

अभी थी धूप खिली अब छाई है ये बदलियां ॥

कठिनाईयां किसकी जिंदगी में नहीं आतीं ? जिन्दगी की बहुत सी परेशानियां, दुःख और मुसीबतें जो हमें बार-बार दु:खी करती हैं। किन्तु मनुष्य को इन मुसीबतों से भयभीत न होकर अपने को साहसी बनाने का प्रयास करना चाहिए। उनके विरोध में खड़े रहने की अपेक्षा उनके विषय में विचार कर उनसे सीख लेनी चाहिए।

अपने भीतर आत्मबल जगाकर उनपर विजय प्राप्त करने का प्रयास करना होगा जैसे जैसे हम उन कठिनाईयों को झेलते हैं तो अग्रसर हो उन्नति का मार्ग सरल होता जाता है। यदि मानव परिश्रम करके मनोबल से कठिनाईयों का सामना करता है तो कार्यसिद्धि में कोई आशंका ही नहीं रहती।

प्रेम

जैसे पर्वतों और चट्टानों को तोड़ते फोड़ते हुए एक पानी का झरना अपना मार्ग बना लेता है उसी प्रकार दृढ़ इच्छा वाला साहसी व्यक्ति हर प्रकार की विघ्न को हटाकर सफलता की सीमा तक पहुंच जाता है। कठिनाई को विपत्ति समझना, हमारे मन का विकार है, कायरता है जो अवनति के गढ्ढ़े में ढकेल देती है। मनुष्य को हमारा इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिन महापुरुषों ने, नेताओं ने कठिनाईयों का साहस से डटकर मुकाबला किया अन्त में उनकी सफलता हुई।

राजकुमार गौतमबुद्ध ने जंगलों की गुफाओं में वृक्षों को नीचे घोर तप किये हिंसक जन्तुओं ने उनपर आक्रमण भी किये, सर्दी गर्मी, आंधी तूफान सैकड़ों कष्ट सहे किन्तु शक्ति प्राप्त करने के लिये अपने सात्विक | संकल्प पर डटे रहे और महान होकर महात्मा बुद्ध बने ।

इतिहास में, महाराणा प्रताप सिंह का जीवन कठिनाईयों से मुगल सम्राटों से निरन्तर युद्ध करने वाले साहसी व्यक्ति का | ज्वलन्त उदाहरण है। मुगल रियासतें उनकी भयानक शत्रु थी- किन्तु उनके जीवन की अभिलाषा थी कि चित्तैड़ का उद्धार चारों ओर उनके विरोधी थे, उनके प्राणों के प्यासे थे किन्तु उन्होंने धैर्य्य, साहस और अपने कर्त्तव्य के प्रति जागरूकता की कमी बलिदान नहीं किया।

कठिनाईयां
कठिनाईयां

गांधी जी ने अंग्रेज सरकार से अपने भारत देश की स्वतन्त्रता में जो योगदान जिस साहस से दिया उससे हम परिचित हैं कि इक लंगोटी धारण कर अनशन उपवास रख | सभी कठिनाईयों का साहसपूर्वक सामना उन्होंने देश की स्वतन्त्रता की रक्षा करने में अपने प्राणों की आहुति देने तक का साहस किया। शेक्सपीयर ने कहा- उन्नति और प्रेम का रास्ता कभी समतल और आसान नहीं होता।

यदि हम इन सब उदाहरणों पर विचार करें तो हम जीवन में किसी भी परिस्थिति या दशा में रहे जीवन क्षेत्र में साहस से आगे बढ़ सकते हैं। विपत्तियों से लाभ उठाने की कला सीख सकते हैं महान् व्यक्ति कभी भी कठोर परिस्थितियों मुसीबतों से डरकर निराश नहीं होते वह अपनी योग्यता पर पूर्ण विश्वास रखते हैं। सच्चे मन से परिश्रम कर साहसी व्यक्ति ही उन्नति के अभिलाषी होते हैं।

उनका यह आत्मविश्वास ही उनके कार्यों की की नींव है।

मानव जीवन ऐसा है कि हमें यह नहीं सोचना कि हमारी जीवन नैय्या सदा सुरक्षित और स्थिर चलेगी। चलते चलते कठिन मार्ग भी आयेंगे, कांटे कंकड़ पत्थर भी चुभेंगे, उठेंगे कष्टों की टक्करें भी लगेगी, और यह समाज का भीड़ आंधी भडक्का आपको इधर उधर धकेलेगा भी किन्तु यह सब तूफान भी तो आपके धैर्य की परीक्षा के लिये है। उन्नति के मार्ग में भय और शंकाएं मानसिक विकार और भ्रम है जो मनुष्य को पीछे पीछे रह कर बाधक बन जाते हैं।

चिंता

मन की दुविधा और सन्देह वृत्ति से हम अपने चारो ओर ऐसी दीवारें खड़ी कर लेते हैं जिनसे बाहर | निकलने का हमें द्वार दिखाई नहीं देता। इस शंका के कारण हम अपने कर्त्तव्यों का उत्तरदायित्व को ठीक ढंग से पूरा नहीं कर | पाते। इसलिये यदि मनुष्य दृढ़ निश्चय करके तन मन से अपने ध्येय की पूर्ति में लग जाये तो यह कठिनाईयां मार्ग प्रदर्शन का कार्य करती है।

आवश्यकता है तो हमें साहस, दृढ़ संकल्प, निर्भयता और उस ईश्वर पर विश्वास की।

क्योंकि जिन्दगी में नीले झील के इस पार तो शबनमी ख्यालों का मीलों लम्बा सफर है किन्तु उस पार कुछ और ही सच है खुली आंखो से हमें देखना होगा भंवर में डूबती जिन्दगी को, कसके तट से बांधना होगा सदियों से सिसकती कठिनाईयों के सच को हंस हंसकर अपनी बांहों में भरना होगा।

प्रेम करना सीखो

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