प्रतिष्ठा

प्रतिष्ठा

प्रतिष्ठा इस तीव्र गति से बहती जिन्दगी में ऐसा कौन सा इन्सान है जो प्रतिष्ठा की चाहत नहीं रखता। इन्सान के लिये प्रतिदिन मान | सम्मान पाना जीवन का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। किन्तु मानना होगा कि प्रतिष्ठा एक ऐसा …

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आनन्द

आनन्द

आनन्द आनन्द का सम्बन्ध हमारे मन से है। हमारी पांचों इन्द्रिय हमें आनंद या दु:ख का अनुभव कराती हैं। प्रत्येक इन्द्रिय किसी न किसी रूप में हमारे सुख या दुःख से सम्बन्धित है। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में तीन कार्यों …

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नवरात्रि

नवरात्रि

नवरात्रि नवरात्रि का शुभपर्व है और सभी पूजा स्थानों पर दुर्गा स्तुति की महिमा का गायन हो रहा है। हिन्दू धर्म, हमारी संस्कृति न केवल उत्सवों त्यौहारों किन्तु धार्मिक पर्वों से भी बंधी है। नवरात्रि के पर्व पर आस्था श्रद्धा …

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संयम

संयम

संयम आज हम जानने वाले हैं संयम के विषय में अथवा संयमता के विषय में, आज के इस भौतिकवादी युग में मानव क्यों दुःखी है जिसका मुख्य कारण इस बढ़ती हुई प्रगति के साथ ऐसे आकर्षण हैं कि जो मनुष्य …

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जितेन्द्रियता क्या है ? – What is Multisensory ?

जितेन्द्रियता क्या है ? - What is Multisensory ?

जितेन्द्रियता क्या है ?  इस विषय को महर्षि मनु जी मनुस्मृति में कहते हैं :- श्रुत्वा स्पृष्टवा च दृष्टवा, च भुक्त्वा घ्रात्वा च यो नरः । न दृष्यती ग्लायति वा स विज्ञेयो जितेन्द्रियः ।। अर्थात् सुनकर, देखकर, खाकर और सूंघकर …

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ईमानदार बनना क्यों जरूरी है ? – Why Honesty is to Important ?

ईमानदार बनना क्यों जरूरी है -Why Honesty is to Important

आज हम बात करने वाले हैं कि :- ईमानदार बनना क्यों जरूरी है ? – Why Honesty is to Important ? कहा जाता है ईमानदारी मनुष्यरूपी भवन का आधारशिला है यानी नींव है । “जिस मनुष्य में ईमान नहीं, वह …

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