satya-gyan
आनन्द
आनन्द आनन्द का सम्बन्ध हमारे मन से है। हमारी पांचों इन्द्रिय हमें आनंद या दु:ख का अनुभव कराती हैं। प्रत्येक इन्द्रिय किसी न किसी रूप में हमारे सुख या दुःख से सम्बन्धित है। प्रत्येक मनुष्य के जीवन में तीन कार्यों की प्रधानता रहती है। प्रतिदिन सम्बन्धी कार्य, मनोरंजन और विश्राम कार्य करना कर्त्तव्य है तो … Read more
नवरात्रि
नवरात्रि नवरात्रि का शुभपर्व है और सभी पूजा स्थानों पर दुर्गा स्तुति की महिमा का गायन हो रहा है। हिन्दू धर्म, हमारी संस्कृति न केवल उत्सवों त्यौहारों किन्तु धार्मिक पर्वों से भी बंधी है। नवरात्रि के पर्व पर आस्था श्रद्धा और विश्वास को देख मैंने आज उसी विषय को समझने का प्रयत्न किया है। नवरात्रि … Read more
जितेन्द्रियता क्या है ? – What is Multisensory ?
जितेन्द्रियता क्या है ? इस विषय को महर्षि मनु जी मनुस्मृति में कहते हैं :- श्रुत्वा स्पृष्टवा च दृष्टवा, च भुक्त्वा घ्रात्वा च यो नरः । न दृष्यती ग्लायति वा स विज्ञेयो जितेन्द्रियः ।। अर्थात् सुनकर, देखकर, खाकर और सूंघकर जिस व्यक्ति को न प्रसन्नता होती है और न ग्लानि यानि न ही खुशी होती … Read more
ईमानदार बनना क्यों जरूरी है ? – Why Honesty is to Important ?
आज हम बात करने वाले हैं कि :- ईमानदार बनना क्यों जरूरी है ? – Why Honesty is to Important ? कहा जाता है ईमानदारी मनुष्यरूपी भवन का आधारशिला है यानी नींव है । “जिस मनुष्य में ईमान नहीं, वह मानवता से गिर जाता है। संसार में जितने प्रकार के धन हैं, उनमें ईमान सबसे … Read more