स्वाभिमान

स्वाभिमान

स्वाभिमान आज हम बात करने वाले हैं स्वाभिमान की किसी ने क्या खूब कहा है :- पर दोषों को देखकर मन में माना मोद | अपना मन देखा नहीं जिसमें वैर विरोध || हमारे मन की एक ऐसी विचित्र अवस्था है कि वह बुराईयों से बहुत शीघ्र प्रभावित होता है और अपने गुणों को अपनी … Read more

सहायता

सहायता

सहायता दूसरों की सहायता करने की वृत्ति मनुष्य को पशुता के तल उपर उठाकर इन्सान बनने, मानव बनने की पहचान कराती है। किसी के काम जो आये उसे इन्सान कहते हैं। पराया दर्द अपनाये उसे इन्सान कहते हैं ।। किन्तु आज समाज में इस दौड़-धूप भरी जिन्दगी में अपने स्वार्थ में इतने संलग्न हो जाते … Read more

शुभ विचार

शुभ विचार

शुभ विचार इस दुनिया में तीन प्रकार के लोग ही होते हैं :- पहले वो जो कुछ भी विचार नहीं करते दुसरे वो जो सिर्फ विचार ही करते हैं और और तीसरे वो जो सिर्फ अच्छे और शुभ विचार ही करते हैं बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय । काम बिगाड़े आपनो जग में … Read more

 पिता का स्वरूप

 पिता का स्वरूप

 पिता का स्वरूप आज हम बात करने वाले हैं पिता का स्वरूप के बारे में, कहा जाता है कि :- पिता वह सर्वस्व है जो मां नहीं है मां दुलार है तो पिता व्यवहार है मां ज़मीं है तो पिता आसमां है हर पिता अपनी सन्तान से आसमां की उचाईयां छून्ने की आशा रखता है। … Read more

कृतज्ञता

कृतज्ञता

कृतज्ञता कृतज्ञ होना अथवा कृतज्ञता होना, धन्यवाद कहना कि विश्व के हर धर्म की संस्कृति ने इसे अपनाया है और इसे एक सद्गुण माना है। मुझे अब भी याद आता है कि जब मैं Preschool में था तो हमें यह Poem रोज Recite करवाई जाती थी : Hearts like door will open with ease With … Read more

एकाग्रता

एकाग्रता

एकाग्रता आज हम बात करने वाले हैं एकाग्रता की आज सुबह यह गजल सुनते हुए कि ‘मन के मत पर मत चलियो ये जीते जी मरवा देगा‘ ध्यान इस विषय पर चला गया कि यह कितना सत्य है कि मानव मन इतना चंचल है कि प्रत्येक क्षण यहां से वहां क्यों भटकता है? प्राचीनकाल से … Read more